Thursday 16 January 2014

ज्यादा प्यार कौन करता है ?

अपने या किसी और के बच्चों से ये कभी  ना पूछें कि आप मम्मी - पापा में से किसे अधिक प्यार करते हैं या आपको मम्मी - पापा में से ज्यादा प्यार कौन करता है । आम तौर पर बच्चों से इस प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं , ऐसा लगभग हर वर्ग में होता है । अभिजात वर्ग भी इससे अछूता नहीं है ।

यह आवश्यक है कि हम अपने बच्चों को तुलनात्मकता का पाठ पढ़ायें किन्तु हमें यह भी निर्धारित कर लेना चाहिये कि किस प्रकार की तुलना करना सिखाया जाय । बच्चों को जो कुछ भी सिखाया जाय उसका नकारात्मक परिणाम कदापि ना हो । बच्चे हमारे बिना सिखाये भी बहुत कुछ सीख लेते हैं । आपका बच्चा शक्कर और नमक के क्रिस्टल में अंतर करना स्वयं सीख जाता है, उसे महज एक बार चखने की आवश्यकता होती है , अगली बार वह नमक के क्रिस्टल को होठों के स्पर्श से ही वापस लौटा देता है ।

 बच्चे खाली कैसेट की तरह होते हैं, आप जो रिकॉर्ड करेंगे वही बजेगा । मम्मी - पापा में से कौन अच्छा , कौन ज्यादा प्यार करता है , आप किसे अधिक प्यार करते हैं , जैसे  सवाल पूछकर हम उनके मस्तिष्क में रिश्तों में अंतर के विचार का बीज बो देते हैं और यहीं से शुरू होता है माँ या पिता की ओर बच्चों का झुकाव । अक्सर ये देखा जाता है कि बच्चा या तो माँ के प्रति अधिक लगाव रखता है या पिता के प्रति । ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि बच्चे का लगाव दोनों के लिये बराबर हो । इसका कारण बच्चों में रिश्तों की तुलनात्मकता का भाव ही हो सकता है ।

आज की दौड़ - भाग भरी जिंदगी में तथ्य इससे भी भिन्न हो सकते हैं । आपका बच्चा आपसे अधिक आपकी आया से घुल मिल सकता है । यह अलग बात है कि टीन ऐज में प्रवेश करने पर लड़की माँ से पिता की अपेक्षा अधिक खुलकर बात करती है जबकि लड़का दोनों से समान रूप से व्यवहार करता है ।  " प्रवेश "
                                                                                                     

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